मेरे एक बहुत अच्छे दोस्त की मृत्यु हुई जब वो सड़क किनारे फुटपाथ पर खड़ा था और एक शराबी की कार ने उसको कुचल दिया।
उसकी क्या गलती थी?
इसके बाद कार चालक कार सहित फरार हो गया। बाद में cctv की मदद से उसको पकड़ा गया।
कोई मूर्ख अपने मज़े के लिए दिन में दारू पिये और बाद में गाड़ी से लोगों को कुचल दे तो इनके लिए तो फांसी होनी चाहिए? बाद में बेवड़े के परिवारजनों ने वही तर्क दिए जो प्रबुद्धजन देते हैं कि लड़का जवान है ,गलती हो गई,सामने पूरी उम्र पड़ी है, जो होना था हो गया!!
जो मर गया उसका भी तो परिवार था, उसका भी तो भविष्य था!!
मुझे तो आश्चर्य होता है जब 15 साल के बच्चों को स्कूटी चलाते देखता हूँ, क्या इनके माता पिता अनपढ़ हैं जिनको गाड़ी चलाने की उम्र नही पता।
हिट एंड रन का मतलब ये है कि दुर्घटना के बाद आप फरार हो गए। अगर कोई बाद में खुद पुलिस के पास जाकर बता दे तो ये कानून लागू नही होगा। अधिकतर दुर्घटनाओं में अगर घायल को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाए तो कई जानें बच सकती हैं।
भारत मे सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की दर बाकी देशों की तुलना में कई गुना है। इसलिए कड़े नियमों की ज़रूरत तो है। साथ ही सरकार को खराब सड़कों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के लिए सम्बंधित अधिकारियों को भी सजा देने का कानून बनाना चाहिए। सरकार खुद पर पहले नियम लागू करे।
इनमें वो पैदल चलने वाले भी शामिल होने चाहिए जो डिवाइडर कूद कर सड़क पर अचानक आते हैं या जो सुबह सुबह व्यस्त सड़क पर पुलिस भर्ती के लिए दौड़ की प्रैक्टिस करते हैं।
हाईवे पर लहराते हुए ट्रक, मिनी ट्रक किसने नही देखे। 16 पहियों वाले ट्रक के ड्राइवर भी ऐसे चलाते हैं जैसे हल्की कार हो।इनको नियंत्रण में लाने का कोई बेहतर तरीका हो तो बताएं !!
अगर ये नियम लोकसभा चुनाव के बाद बदलते तो बेहतर होता,अभी तो अच्छे काम भी चुनावी मुद्दा बनेंगे।
publis by bull12345,blogspot.com
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